जो लोग कहते है कि, संघर्ष में खुशी,शांति तथा मुस्कुराना संभव नहीं,वो क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग से सीखें
गुरमीत सिंह जीवन के खेल को सहवाग से सीखें कि,कैसे आनंदित होकर संघर्ष कर सकते हैं। इस लेख का उद्देश्य,महान क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की जीवनी पर प्रकाश डालना नहीं है,न ही उनके बनाए गए हैरत अंगेज रेकॉर्ड्स की बात करना है।इस महान क्रिकेटर के व्यक्तित्व के वो पहलू जिसने उन्हें, इन ऊंचाइयों तक पहुंचाया है,से प्रेरणा लेकर जीवन दर्शन को समझना है। यद्यपि उनके समकालीन अन्य क्रिकेटर्स ने भी अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है,लेकिन उनके बल्लेबाजी की शैली के साथ ,जो बॉडी लैंग्वेज का कमाल होता है,वैसे बल्लेबाज बिरले ही हैं।सबकी अपनी अपनी खूबियां हैं,लेकिन एक अनोखी खूबी जो सहवाग में परिलक्षित होती है,वह हम सब के आम जीवन के लिए प्रेरणस्त्रोत है। सर्वप्रथम हम ओपनिंग बल्लेबाज की स्थिति का स्मरण करें।आम तौर पर ओपनिंग पारी का ओपनिंग बैट्समैन,क्रीज पर आने के बाद कुछ समय तक अपनी दक्षता प्रदर्शन को रोकता है,परिस्थितियों को आकलित करता है, बॉलर और पिच खतरनाक है तो,अपने सीखें हुए लॉजिक का प्रयोग करता है, व इस प्रक्रिया में यंत्रवत होकर अपने स्वाभाविक व्यक्तित्व को भूल कर नर्वसनेस का शिकार हो जाता है।इस...